बुला रहा है कोई !


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बुला रहा है कोई !

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फुलनुमा जिंदगी को उधेड़ दिया,
कब्र पे फुल चढाने बुला रहा है कोई !


इतना रुलाया और आसू भी न पोछे,
फसानेगम सुनाने बुला रहा है कोई !


दुआ क्या चीज़ है ? पूछता रहा उम्रभर
खुदके लिए दुआ माँगने बुला रहा है कोई !


जिन्दा रहते सादगी का शौक न किया,
आज आबरू बचाने बुला रहा है कोई !

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