अकेले अकेले

रात की खामोशी डरीसी थी
और मौसम कुछ ज्यादाही ठंडा

अगर यादोंको लपेट लेती
तो शायद रातभर सो नही पाती

काश, अगर भुलने की छूट होती
फिरभी वो यादोंको लपेट लेती ।