चर्चे

 


तेरे गुरुर से भी ज्यादा चर्चे मेरे हार के थे

एक पत्थरदिलसे ज्यादा चर्चे मेरे मिजाज के थे


घायल हो रहा था नफरत के लफ्ज़ बरस रहे थे

बहे नहीं कभी आंखोंसे चर्चे उन आसुओंके थे


दोस्ती मुकम्मल की ना ही कोई वादे निभाए 

तेरे बेवफाई से ज्यादा चर्चे मेरे परछाई के थे


सहारा दिया मयखाने ने तेरे इरादे कुछ और थे

नशाथा शराबमें लेकिन चर्चे हुस्न-ए-साकी के थे



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