Difference: Painting By Tejaswini Sahoo |
उड़ने का जज्बा एक जैसा है फिर
तेरा और मेरा आकाश अलग क्यों?
जब हम परिंदे एक कोख से जन्मे
एक छत मगर पाबंदियां अलग क्यों?
जिस्म नही दिमाग तय करे दायरे
तो कश्मकश की वजह अलग क्यो?
फूल एक डालके, महकना लाजमी है
तेरी हँसी मेरी हँसी फिर अलग क्यो?
मैं नियाज़ और क्यो तू नाज़ है?
जमाना देखे, दो चश्मे अलग क्यो?
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