भावनांचा फुलोरा शब्दांचा धुमारा, काळाच्या गर्दीत मनाचा पसारा. जपताना त्या आठवणी, चार ओळी तुझ्यासाठी !
आप दूर क्या गए लफ्जो के साथ फासले हुए
तेरी याद आती रही फिर खुदसे ही फासले हुए
याद सदा आती है तुम्हेभी, हिचकिया हमे ये बताये
दिल अब भी है जुड़े पर बदन के बीच फासले हुए
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