सिंबा

 

धरती पे खुदा का क़ासिद है तू

मेरे लिए खुदासे बढ़कर है तू ।


तेरी खामोशी तेरी बेजुबानी है

तेरी जुबान तेरी दिल्लगी है ।


बेहद वफादारी तेरी कमजोरी है

इंसानी दुनिया आना तेरी भूल है।


पाकीजा दिल कभी आया हिस्से मेरे

नेक काम शायद हुए किसी जनम मेरे


मुहलत इतनी छोटी क्यो मिली तुम्हे

बगैर तेरे क्यों काटनी ये लंबी उम्र हमे


अगले जनम बन जाना तुम मेरे आका

कुछ तो कर्ज चुका सकु ये जिन्दगीका


बस कभी बात फुरकत की न कर तू

मेरे लिए, मुझसे, खुदासे, बढ़कर है तू ।

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